संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के उपलक्ष्य में, प्रज्ञान फाउंडेशन एवं डिवाइन ब्लिस फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 5 जून 2025, गुरुवार को “पर्यावरण, स्वास्थ्य और सतत विकास” विषय पर एक अत्यंत प्रभावशाली संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी पर्यावरणविदों, शिक्षाविदों, नीति-निर्माताओं तथा अंतर्राष्ट्रीय गणमान्य व्यक्तियों के लिए एक सशक्त मंच सिद्ध हुई, जहाँ पर्यावरणीय असंतुलन, जनस्वास्थ्य, और सतत विकास जैसे आपस में जुड़े गंभीर मुद्दों पर सारगर्भित विचार-विमर्श हुआ।
इस कार्यक्रम की गरिमा अनेक विशिष्ट वक्ताओं ने अपने प्रेरणादायक विचारों से और भी बढ़ा दी। महाराष्ट्र के सांगली से पधारे पद्मश्री डॉ. विजय कुमार शाह, जो एक प्रतिष्ठित पर्यावरणविद् एवं मानवतावादी हैं, ने दशकों के अनुभव के आधार पर स्थायी जीवनशैली और समुदाय-आधारित पर्यावरणीय पहलुओं पर प्रकाश डाला। नाइजीरिया से पधारे डॉ. बुहारी इसाह ने वैश्विक स्तर पर पर्यावरणीय क्षरण की चुनौतियों पर बात की और जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता की आवश्यकता को रेखांकित किया। डॉ. सुरेश कुमार अग्रवाल, निदेशक, डिवाइन ब्लिस फाउंडेशन, ने पर्यावरणीय जागरूकता के साथ आध्यात्मिक चेतना के समन्वय पर बल दिया और कहा कि “आंतरिक संतुलन ही बाहरी पर्यावरणीय संतुलन का मूल है।” गांधी सत्याग्रह मिशन के डॉ. आज़ाज़ अहमद ने वर्तमान पर्यावरणीय परिप्रेक्ष्य में गांधीवादी सिद्धांतों की प्रासंगिकता बताते हुए सरलता, अहिंसा और संयमित उपभोग की आवश्यकता पर बल दिया। वहीं प्रज्ञान फाउंडेशन के प्रबंध न्यासी श्री चंदन अग्रवाल ने अपने सारगर्भित उद्घाटन वक्तव्य में शिक्षा, स्थिरता और समग्र कल्याण के माध्यम से जनजागरण की दिशा में फाउंडेशन के प्रयासों की चर्चा की।
इस संगोष्ठी को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त नेताओं के शुभकामना संदेशों ने और भी गरिमा प्रदान की। इनमें शामिल थे – श्री नितिन गडकरी, माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री; श्री रमेन डेका, माननीय राज्यपाल, छत्तीसगढ़; श्री आचार्य देवव्रत, माननीय राज्यपाल, गुजरात; जिम्बाब्वे गणराज्य की माननीया राजदूत; श्री धर्मेंद्र प्रधान, माननीय शिक्षा मंत्री; तथा कोलकाता स्थित नीदरलैंड्स के मान्य कौंसलावास। इन सभी शुभकामना संदेशों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति साझा प्रतिबद्धता तथा इस प्रकार के आयोजनों की प्रेरक भूमिका को रेखांकित किया गया।
संगोष्ठी का समापन इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” के प्रति एक सशक्त सामूहिक संकल्प के साथ हुआ। उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों एवं प्रतिभागियों ने एक अधिक हरित, स्वस्थ और सतत भविष्य के निर्माण हेतु अपने प्रयासों को जारी रखने की प्रतिज्ञा ली। यह आयोजन इस बात का सशक्त प्रमाण बनकर उभरा कि संवाद, दृष्टिकोण और साझी जिम्मेदारी के माध्यम से हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर संसार की नींव रख सकते हैं।
