अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में कोलकाता स्थित प्रज्ञान भवन में एक विशेष प्रज्ञान क्रिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह सशक्त आयोजन दिव्य ब्लिस फाउंडेशन, प्रज्ञान फाउंडेशन और रोटरी क्लब ऑफ कस्बा के संयुक्त प्रयासों से संपन्न हुआ, जिसका उद्देश्य योग के प्राचीन और प्रभावशाली अभ्यास प्रज्ञान क्रिया के माध्यम से आत्म-जागरूकता और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देना था।
इस कार्यशाला का संचालन प्रसिद्ध योगाचार्य और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफस्टाइल मेडिसिन के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार अग्रवाल ने किया। उन्होंने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया कि प्रज्ञान क्रिया एक ऐसी विधि है, जो श्वास नियंत्रण, सजगता (माइंडफुलनेस) और ध्यानात्मक गति को जोड़कर मन और शरीर दोनों में संतुलन लाती है। उन्होंने एक लाइव प्रायोगिक सत्र भी आयोजित किया, जिसमें सभी उपस्थित जनों को इस योग तकनीक के शांति व ऊर्जा देने वाले प्रभावों का प्रत्यक्ष अनुभव हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्री विश्वनाथ सुरेका, श्री रतन लाल अग्रवाल और एडवोकेट श्री किशन किला उपस्थित थे। अपने वक्तव्यों में उन्होंने योग को व्यक्तिगत विकास और सामाजिक समृद्धि का माध्यम बताते हुए इस कार्यशाला के आयोजन की सराहना की।
अन्य गणमान्य अतिथियों में श्रीमती रत्ना सेन, श्री आशीष बसाक, श्री वेद प्रकाश गुप्ता, श्री देबाशीष चौधरी और श्री शशि छेत्री शामिल थे। उन्होंने योग के व्यक्तिगत अनुभव साझा किए और ऐसे आयोजनों की आवश्यकता पर बल दिया, जो समाज में जागरूकता और मानसिक-सांस्कृतिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें यह सामूहिक संकल्प लिया गया कि योग को केवल शारीरिक व्यायाम के रूप में नहीं, बल्कि एक गहन आत्मिक और जीवन परिवर्तक साधना के रूप में दैनिक जीवन का हिस्सा बनाया जाएगा।
