
मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र, सिनैप्स क्लिनिक, आज शाम कोलकाता के द कॉन्क्लेव में विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। यह कार्यक्रम ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार (ASD) पर प्रकाश डालते हुए, लोगों को इस विकार के बारे में जागरूक करेगा।
ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार एक मस्तिष्क विकास संबंधी स्थिति है, जो व्यक्ति की धारणा और दूसरों के साथ सामाजिक व्यवहार को प्रभावित करती है। इस विकार से ग्रस्त व्यक्ति को सामाजिक संपर्क और संचार में समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसके अलावा, इस विकार में व्यवहार के प्रतिबंधित और दोहरावपूर्ण पैटर्न भी होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2012 से 2021 के बीच हर 100 बच्चों में से 1 बच्चा ऑटिज्म से प्रभावित था, और इस विकार की व्यापकता समय के साथ बढ़ रही है। हालांकि, निम्न और मध्यम आय वाले देशों में इस विकार के आंकड़े अपेक्षाकृत कम दर्शाए गए हैं, जो इसकी वास्तविक प्रचलन को सही तरीके से आंकने में मुश्किलें उत्पन्न करता है।
कार्यक्रम में प्रख्यात चिकित्सक डॉ. इंद्रनील साहा, डॉ. लोकेश पांडे, डॉ. सत्यम चक्रवर्ती, डॉ. अतनु डोगरा, और तीन वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. अल्ताफ हुसैन, डॉ. सुब्रत नस्कर और डॉ. सौविक चक्रवर्ती शामिल हुए, जिन्होंने इस क्लिनिक को अपनी विशेषज्ञता से सजाया। इस अवसर पर श्रीमती मोहिनी ओझा ने भी बच्चों की मदद के लिए उपलब्ध थेरेपी विकल्पों पर चर्चा की।
इसके अलावा, कार्यक्रम में कुछ माता-पिता ने अपनी यात्रा के अनुभव साझा किए, जिन्होंने विशेष बच्चों की देखभाल में अपने अनुभवों को अभिभावकों के साथ साझा किया। उनका कहना था कि सही मार्गदर्शन और समर्थन से बच्चों को बेहतर भविष्य दिया जा सकता है।
यह कार्यक्रम इस विकार के प्रति समझ और सहानुभूति बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था, ताकि समाज में इस बारे में जागरूकता फैल सके और ऑटिज्म से प्रभावित व्यक्तियों के लिए एक सहयोगपूर्ण वातावरण बनाया जा सके।