डॉ. एस. के. अग्रवाल को अंतरधार्मिक शांति एवं सद्भाव पुरस्कार से सम्मानित किया गया

डॉ. एस. के. अग्रवाल को अंतरधार्मिक शांति एवं सद्भाव पुरस्कार से सम्मानित किया गया

14 फरवरी, 2025 को कोलकाता के नंदन परिसर स्थित जीवनानंद सभागार में आयोजित एक भव्य पुरस्कार समारोह में डिवाइन ब्लिस फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार अग्रवाल को ‘अंतरधार्मिक शांति एवं सद्भाव पुरस्कार’ से नवाजा गया। यह पुरस्कार उन्हें विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक समुदायों के बीच शांति, आपसी समझ और सद्भाव को बढ़ावा देने में उनके असाधारण योगदान के लिए दिया गया। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार समारोह हेलो कोलकाता, एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्र द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें समाज के विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।

स्वीकृति भाषण में, डॉ. अग्रवाल ने इस सम्मान के लिए गहरा आभार व्यक्त किया और शांति एवं सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए अपनी निरंतर प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने विविधता को अपनाने और ऐसे वातावरण को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें सभी धर्मों के लोग आपसी सम्मान और समझ के साथ सह-अस्तित्व में रह सकें। उन्होंने असहिष्णुता के खिलाफ संघर्ष और एकता तथा साझा मानवीय मूल्यों पर आधारित एक शांतिपूर्ण दुनिया बनाने के लिए अंतरधार्मिक चर्चाओं की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ. अग्रवाल के शब्दों ने दर्शकों को गहरे तक प्रभावित किया और शांति एवं सह-अस्तित्व के लिए एक नई प्रतिबद्धता को प्रेरित किया।

समारोह का संयोजन हेलो कोलकाता के संपादक-निदेशक श्री आशीष बसाक ने किया, जिन्होंने समकालीन समाज में अंतरधार्मिक संवाद के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने डॉ. अग्रवाल के अटूट समर्पण की सराहना की, जो विभिन्न धर्मों के बीच सहयोग, एकता और सम्मान को बढ़ावा देने में कामयाब रहे हैं। इस पहल ने एक अधिक समावेशी और शांतिपूर्ण दुनिया के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इस अवसर पर कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की, जिनमें प्रसिद्ध शिक्षाविद् डॉ. पार्थसारथी चक्रवर्ती (सीईओ, एमसीकेवी संस्थान, हावड़ा), एडवोकेट तीर्थंकर मुखर्जी (संस्थापक, बीएएचआरएस मानवाधिकार संघ), एडवोकेट बसु देव अग्रवाल, इंद्राणी गांगुली, अनीता अग्रवाल, संगीता दास, इंद्राणी साहा और अन्य प्रमुख लोग शामिल थे। इन सभी ने डॉ. अग्रवाल के अथक प्रयासों की सराहना की और अंतरधार्मिक संवाद को बढ़ावा देने में उनकी पहल को मान्यता दी।

यह पुरस्कार समारोह समाज में शांति, सद्भाव और आपसी समझ को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, जो समाज के सभी वर्गों के बीच एकजुटता और सहयोग को प्रोत्साहित करता है।

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