
हाल ही में शहर में नटराज नृत्य महोत्सव का तीसरा संस्करण आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण बंगाल के प्रतिभाशाली शास्त्रीय नर्तकों को एक मंच प्रदान करना था, जिन्हें आमतौर पर शहरों में प्रदर्शन करने का अवसर नहीं मिलता। यह महोत्सव विभिन्न जिलों और गांवों से आए शास्त्रीय नर्तकों का एक अनूठा प्रदर्शन था।
न्यू जलपाईगुड़ी, दुर्गापुर, आसनसोल, हुगली समेत विभिन्न क्षेत्रों से कलाकारों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। स्थानीय प्रतिभाओं को सही मंच पर लाने की यह एक महत्वपूर्ण पहल है, जो शास्त्रीय नृत्य की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने में सहायक होगी।
इस कार्यक्रम में नृत्य जगत की कई जानी-मानी हस्तियाँ शामिल हुईं, जिनमें भरतनाट्यम गुरु खगेंद्रनाथ बर्मन, डॉ. अर्कदेव भट्टाचार्य, कर्नाटक के श्री कुमार करिअप्पा, प्रसिद्ध नृत्यांगना मालविका सेन, श्री उत्पल कुंडू और ओडिसी नर्तक शिव नारायण बनर्जी प्रमुख थे।
नटराज नृत्यालय की संस्थापक और आयोजक परमिता मंडल ने इस पहल के पीछे की सोच को साझा करते हुए कहा, “हम हर साल अन्य नृत्य विद्यालयों के साथ मिलकर इस शास्त्रीय नृत्य प्रदर्शनी का आयोजन करते हैं। हम चाहते हैं कि सरकार का सहयोग मिले ताकि इस कला को आगे बढ़ाया जा सके और ग्रामीण नर्तक बड़े मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें। इस वर्ष का उत्सव ग्रामीण क्षेत्रों में नृत्य की सांस्कृतिक विरासत और मूल्य को संरक्षित करने और बढ़ावा देने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।”
इस नृत्य महोत्सव ने शास्त्रीय नृत्य के महत्व को फिर से रेखांकित किया और यह दिखाया कि संस्कृति की इस अनमोल धरोहर को आगे बढ़ाने के लिए एकजुटता और समर्थन की आवश्यकता है।