अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पूर्वी सांस्कृतिक केंद्र में एक अद्वितीय और प्रेरणादायक आयोजन देखने को मिला, जब दिव्यांग बच्चों, किशोरों और दृष्टिबाधित भाई-बहनों ने भी योगाभ्यास में सक्रिय रूप से भाग लिया। इस वर्ष योग दिवस की थीम थी — ‘एक विश्व, एक स्वास्थ्य’, जिसे केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत किया।
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत पूर्वी सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक डॉ. आशीष गिरि ने बताया,
“माननीय प्रधानमंत्री के ‘एक विश्व, एक स्वास्थ्य’ संदेश को ध्यान में रखते हुए हमने इस वर्ष योग दिवस पर दिव्यांग और दृष्टिबाधित भाई-बहनों को आमंत्रित किया। उन्होंने न केवल योग में भाग लिया, बल्कि मोदी जी का संदेश भी लाइव सुना। हमें गर्व है कि हम सभी को एक मंच पर ला सके।”
रवींद्र भारती से आए विशेष प्रशिक्षक की देखरेख में सभी प्रतिभागियों ने योगासन किए। प्रशिक्षकों ने विशेष रूप से दृष्टिबाधितों और दिव्यांगों को ध्यान में रखते हुए उन्हें सरल, मार्गदर्शक शैली में योग सिखाया।
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले दृष्टिबाधित प्रतिभागियों ने भी अपने अनुभव साझा किए। एक प्रतिभागी ने कहा,
“यह हमारे लिए पहली बार था कि हमने योग किया और महसूस किया कि यह हमारे लिए भी उतना ही ज़रूरी है। हम भले ही देख नहीं सकते, लेकिन अगर कोई हमें सही दिशा दिखाए तो हम भी कर सकते हैं। यहां हमें वही सहयोग और आत्मीयता मिली। यह एक अद्भुत अनुभव रहा।”
इस आयोजन ने साबित कर दिया कि योग न किसी उम्र, स्थिति या क्षमता का मोहताज है, और जब सबको साथ लिया जाए, तो योग का वास्तविक उद्देश्य — समग्र स्वास्थ्य और समरसता — साकार होता है।
पूर्वी सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित यह विशेष योग सत्र न केवल समावेशिता की मिसाल बना, बल्कि कोलकाता की सहभागिता को भी विश्व योग मानचित्र पर और अधिक चमकदार बना गया।

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