आशा और समावेशन का संदेश लेकर कोलकाता में आयोजित हुआ दूसरा ऑटिज़्म कन्वेंशन 2025

कोलकाता ने आज ऑटिज़्म और न्यूरोडाइवर्सिटी के प्रति जागरूकता, सहानुभूति और समावेशन की एक अनोखी पहल का साक्षी बना, जब शहर में बहुप्रतीक्षित द्वितीय ऑटिज़्म कन्वेंशन कोलकाता 2025 का भव्य शुभारंभ हुआ।
यह आयोजन पूरी तरह से अभिभावक-नेतृत्व वाली पहल थी, जिसने इस विषय पर संवाद के तौर–तरीकों को एक नई दिशा दी है।
बाय द पैरेंट्स, फ़ॉर द पैरेंट्स’ की मूल भावना पर आधारित यह कन्वेंशन साहस, संवेदना और सामूहिक शक्ति का भावनात्मक उत्सव साबित हुआ।

अभिभावकों ने अपनी व्यक्तिगत यात्राओं और अनुभवों को सामाजिक परिवर्तन की प्रेरणा में बदलते हुए यह संदेश दिया कि ऑटिज़्म से जुड़ा प्रत्येक व्यक्ति सम्मान, प्रेम और स्वीकार्यता का समान अधिकार रखता है।
आयोजकों का उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट था—
कोलकाता को वास्तव में “सिटी ऑफ जॉय” बनाना, जहाँ ऑटिज़्म और न्यूरोडाइवर्सिटी के हर रंग को खुले दिल से अपनाया और मनाया जाए।


उद्घाटन समारोह में प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति

उद्घाटन समारोह में कई महत्वपूर्ण व्यक्तित्व एक मंच पर उपस्थित थे, जिनमें शामिल थे—

  • उपाली रॉय मुखर्जी, निदेशक एवं एक्स-ऑफिसियो स्पेशल सेक्रेटरी, जनशिक्षा विस्तार निदेशालय एवं राज्य आयुक्त (दिव्यांगजन), पश्चिम बंगाल

  • बेदांग विश्वास, संयुक्त सचिव, महिला एवं बाल विकास और सामाजिक कल्याण विभाग

  • मेरी बारुआ, संस्थापक निदेशक, एक्शन फ़ॉर ऑटिज़्म

  • डॉ. जॉय रंजन राम, परामर्शदाता मनोचिकित्सक

ये वे लोग हैं जो लंबे समय से समावेशन, संवेदना और समान अवसरों के लिए लगातार कार्यरत रहे हैं।

उपाली रॉय मुखर्जी ने कहा—

“ऑटिज़्म कन्वेंशन जागरूकता और समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
जब अभिभावक और पेशेवर एक साथ जुड़ते हैं, तो वास्तविक परिवर्तन संभव होता है।
ऑटिज़्म से जुड़े हर व्यक्ति का समाज में सम्मान, अवसर और गरिमा के साथ जीवनयापन का पूरा अधिकार है।”


आयोजकों की भावनाएँ और संदेश

कन्वेंशन के आयोजन सचिव डॉ. रूद्रजीत सिन्हा, लैप्रोस्कोपिक सर्जन, ने कहा—

“ऑटिज़्म को समझना केवल जागरूकता ही नहीं, बल्कि धैर्य, सहानुभूति और जीवन के हर क्षेत्र में समावेशन का संदेश है।
यह कन्वेंशन साबित करता है कि अभिभावकों, पेशेवरों और समाजकर्मियों के संयुक्त प्रयासों से वास्तविक परिवर्तन संभव है।
हम सब मिलकर ऐसी दुनिया बना सकते हैं जो न सिर्फ न्यूरोडाइवर्सिटी को स्वीकार करे, बल्कि उसका उत्सव मनाए।”


तीन दिवसीय राष्ट्रीय आयोजन की प्रेरणात्मक शुरुआत

ऑटिज़्म कन्वेंशन कोलकाता 2025 एक स्वतंत्र तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसका प्रमुख उद्देश्य है—

  • ऑटिज़्म के प्रति जागरूकता बढ़ाना

  • बेहतर समझ विकसित करना

  • समाज में सहानुभूति और स्वीकार्यता को प्रोत्साहित करना

आज का उद्घाटन समारोह आने वाले तीन दिनों की प्रेरणादायक शुरुआत साबित हुआ, जहाँ सभी आवाज़ों ने एक सुर में कुसंस्कारों और मिथकों को तोड़ने तथा आशा और सकारात्मकता फैलाने का संदेश दिया।

कोलकाता ने इस आयोजन के माध्यम से साबित किया कि बदलाव की शुरुआत संवेदना, समझ और एकजुटता से ही होती है।

आशा और समावेशन का संदेश लेकर कोलकाता में आयोजित हुआ दूसरा ऑटिज़्म कन्वेंशन 2025

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