अंतर्राष्ट्रीय जलंगी साहित्य पत्रिका के तत्वावधान में चिन्मयी बिस्वास की पहल पर 19 मई को जलांगी में हुए ऐतिहासिक भाषा आंदोलन की स्मृति में एक भव्य स्मारक बैठक आयोजित की गई। यह कार्यक्रम 25 मई, 2025 को कृष्णपाद घोष मेमोरियल हॉल, 55 सूर्य सेन स्ट्रीट, कोलकाता में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम की पहल अंतराष्ट्रीय जलंगी पत्रिका की सम्पादिका श्रीमती चिन्मयी बिस्वास और उनके पति और अंतराष्ट्रीय जलंगी पत्रिका की अध्यक्ष श्री रामपद बिस्वास महासय की द्वारा हुई।
इस अवसर पर रवींद्रनाथ टैगोर और कवि नजरुल ठाकुर की जयंती भी पूरे श्रद्धा और उत्साह के साथ मनायी गयी। साहित्य, संस्कृति और भाषा को समर्पित इस आयोजन में वक्ताओं ने भाषा आंदोलन के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला और बंगाली साहित्य की समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कार्यक्रम का आयोजन दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक हुआ और इसमें कोलकाता तथा आसपास के क्षेत्रों से कई साहित्यप्रेमी, लेखक एवं बुद्धिजीवी उपस्थित रहे। आयोजकों ने इसे एक स्मृति और प्रेरणा के रूप में स्थापित करने का संकल्प लिया।
यह आयोजन न केवल अतीत की स्मृतियों को पुनर्जीवित करने का माध्यम बना, बल्कि वर्तमान पीढ़ी को साहित्यिक उत्तराधिकार और भाषा की अस्मिता से जोड़ने का प्रेरक प्रयास भी सिद्ध हुआ।
