पार्कस्ट्रीट स्थित एक प्रतिष्ठित होटल में “ब ते बंगाली पूंजी थकूक जातीर हाथे” (बंगाली पूंजी राष्ट्र के हाथों में रहे) के उद्देश्य को आगे बढ़ाने हेतु एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर सामान्य संपादिका गार्गी बनर्जी ने कहा कि – “हम कुछ बंगाली मिलकर इस कठिन समय में एक सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। रोजगार से लेकर उद्योग तक, बंगालियों के लिए अपनी पूंजी का मंच तैयार करना ही हमारा संकल्प है। जिस राष्ट्र की अपनी पूंजी नहीं होती, उसकी भूमि भी सुरक्षित नहीं रहती। पूंजी उसी की होती है, जिसकी भाषा उसकी होती है। इसलिए हमारा दृढ़ निश्चय है कि पश्चिम बंगाल से विलुप्त हो चुकी बंगाली पूंजी को फिर से वापस लाया जाए।”
इस संकल्प को मूर्त रूप देने और बंगाल के सर्वोत्तम दुर्गोत्सव के अवसर पर, होटल में “बंगलार सेरा रधुनि” नामक एक विशेष रंधन प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता का मुख्य आकर्षण पूजा भोग की थाली रही, जिसमें पारंपरिक बंगाली व्यंजनों की झलक दिखाई दी।
कार्यक्रम में कोलकाता के कई प्रतिष्ठित बंगाली उद्योगपति, साहित्यकार और प्रख्यात व्यक्तित्व उपस्थित रहे। विजेताओं को सम्मानित कर उनके प्रयासों की सराहना की गई।
