बागबाजार जिम्नास्टिक क्लब ने मनाई अपनी 116वीं श्यामा पूजा — परंपरा और स्वास्थ्य का अनोखा संगम

बागबाजार जिम्नास्टिक क्लब के श्यामा पूजा समारोह –

एक ऐसा आयोजन जो 116 वर्षों की गौरवशाली परंपरा को सहेजे हुए है। बागबाजार की इस ऐतिहासिक संस्था की शुरुआत ब्रिटिश काल में हुई थी, जब इसका उद्देश्य था युवाओं में शारीरिक स्फूर्ति और देशभक्ति की भावना जगाना। आज भी यह संस्था उसी आदर्श को आगे बढ़ाते हुए एक सशक्त सांस्कृतिक और सामाजिक केंद्र के रूप में कार्य कर रही है।

इस वर्ष क्लब ने अपनी 116वीं काली पूजा का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया। यह आयोजन केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक संगम था, जहाँ परंपरा, अनुशासन, स्वास्थ्य और एकता का संदेश प्रतिध्वनित हुआ। समय के साथ पूजा की शैली भले ही आधुनिक रूप ले चुकी हो, किंतु इसका मूल संदेश — “स्वास्थ्य ही संपत्ति, और एकता ही शक्ति” — आज भी उतना ही प्रासंगिक है।

क्लब के अध्यक्ष श्री बिजन घोष, संयुक्त सचिव अजय पाल और स्वप्न धर, तथा कोषाध्यक्ष संजीत कुमार नाथ के नेतृत्व में इस वर्ष का आयोजन अत्यंत सफल रहा। क्लब के प्रशिक्षकगण नियमित रूप से योग और फिटनेस कार्यशालाओं का आयोजन करते हैं, जिनमें बच्चे और युवा उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं। क्लब के प्रशिक्षित खिलाड़ियों ने पिछले कुछ वर्षों में जिला और राज्य स्तर पर अनेक पुरस्कार और पदक जीतकर संस्था का नाम रोशन किया है।

इस वर्ष की श्री श्री श्यामा पूजा का उद्घाटन 7 नंबर वार्ड के पार्षद श्री बापी घोष द्वारा दीप प्रज्वलन और क्लब के नन्हे सदस्यों के योग प्रदर्शन के साथ किया गया। इस अवसर पर योग प्रशिक्षक श्री सरोज दत्त, श्री शैबाल राय, तथा श्यामबाजार फाइव पॉइंट नर्सिंग होम के निदेशक श्री बिजु नंदी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उद्घाटन संगीत सुमु सरकार ने प्रस्तुत किया और कार्यक्रम का संचालन पौलमी पाल ने किया।

मीडिया कवरेज के संयोजक श्री अमित कुमार सुर, तथा फोटोग्राफर असीम पाल और राजु दास ने पूरे आयोजन को स्मरणीय बना दिया।

एक सदी से भी अधिक समय से जारी यह यात्रा केवल पूजा का इतिहास नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना, अनुशासन और स्वास्थ्य-संपन्न जीवन का प्रतीक है। बागबाजार जिम्नास्टिक क्लब ने एक बार फिर सिद्ध किया कि परंपरा का अर्थ अतीत में ठहर जाना नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के साथ मिलकर भविष्य की ओर आगे बढ़ना है।

बागबाजार जिम्नास्टिक क्लब ने मनाई अपनी 116वीं श्यामा पूजा — परंपरा और स्वास्थ्य का अनोखा संगम

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