भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICMAI) द्वारा आयोजित “राष्ट्रीय छात्र सम्मेलन 2025” को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने आर्थिक विकास और सतत भविष्य की दिशा में लागत लेखाकारों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।
राष्ट्रपति ने कहा, “हमारा समाज हमेशा लागत लेखाकारों को सम्मान देता रहा है क्योंकि हम मानते हैं कि स्थिरता और जवाबदेही एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी हुई हैं।” उन्होंने महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रकृति से सिर्फ जरूरत के अनुसार लेना चाहिए, न कि लालच के लिए।
ICMAI की स्थापना के बाद से उसकी भूमिका को सराहते हुए उन्होंने संस्था को अर्थव्यवस्था और नीति निर्माण में मजबूत सहयोगी करार दिया। उन्होंने भरोसा जताया कि CMA पेशेवर न केवल उद्योगों में दक्षता लाएंगे, बल्कि भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में भी योगदान देंगे।
सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के छात्रों को सम्मानित किया गया, जिनमें CMA फाइनल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं के टॉपर शामिल थे। कुल 247 छात्रों को पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर वित्त मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती दीपाली मुगदले ने भी छात्रों को प्रेरित किया और उन्हें भारत की 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के निर्माण में भागीदार बनने का संदेश दिया।
कैम्पस प्लेसमेंट में नया कीर्तिमान
ICMAI द्वारा 2024-25 के लिए आयोजित कैम्पस प्लेसमेंट ड्राइव में उल्लेखनीय सफलता मिली। अब तक 520 छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में नियुक्त किया गया, जिनमें से सात छात्रों को ₹36 लाख तक के पैकेज मिले। इस दौरान GAIL, IOCL, BEL, NMDC जैसी बड़ी PSU कंपनियों ने भी भाग लिया।
AI टूल्स और राष्ट्रीय पुरस्कार की घोषणा
सम्मेलन में 19वें राष्ट्रीय पुरस्कार और 8वें CMA पुरस्कार भी वितरित किए गए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद और वित्त मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष श्री भुवन बीर माजूमदार ने दो नए AI टूल्स — “CMAGPT” और “Students of Costing” — लॉन्च किए।
IIT मद्रास, IIM अहमदाबाद और XIM भुवनेश्वर के साथ समझौते
ICMAI ने शिक्षा और अनुसंधान में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए IIT मद्रास, IIM अहमदाबाद और XIM भुवनेश्वर के साथ रणनीतिक साझेदारियाँ की हैं। इन साझेदारियों का उद्देश्य छात्रों के लिए उन्नत पाठ्यक्रम, अनुसंधान, और वैश्विक स्तर की शिक्षा सुनिश्चित करना है।
संस्थान का दृष्टिकोण: विकसित भारत 2047
ICMAI का उद्देश्य है कि 2047 तक भारत को एक विकसित और ज्ञान-आधारित समाज में बदलने की दिशा में छात्रों को सशक्त किया जाए।
