विश्व जनसंख्या दिवस 2025 के अवसर पर सोमवार को कोलकाता के एजेसी बसु रोड स्थित जिला परिवार कल्याण कार्यालय परिसर में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन का नेतृत्व जिला परिवार कल्याण ब्यूरो (DFW) और भारतीय परिवार नियोजन संघ (FPAI) की कोलकाता शाखा ने संयुक्त रूप से किया।
इस वर्ष के जनसंख्या दिवस का प्रमुख संदेश था: “जब शरीर और मन तैयार हों, तभी माँ बनने की उम्र होती है।” यह संदेश न केवल युवाओं को, बल्कि समाज के हर वर्ग को प्रजनन स्वास्थ्य, परिवार नियोजन और जनसंख्या नियंत्रण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से दिया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत एक जागरूकता रैली से हुई, जो जिला कार्यालय से निकलकर रामलीला मैदान तक पहुँची। इसके पश्चात आयोजित पैनल चर्चा में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों—डॉक्टरों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों—ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
किशोरों के लिए स्वास्थ्य शिक्षा सत्र भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहे, जिनमें उन्हें प्रजनन स्वास्थ्य, सुरक्षित मातृत्व और सही उम्र में परिवार बढ़ाने के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही, उपस्थित लोगों के बीच जानकारीवर्धक पत्रक और आवश्यक स्वास्थ्य सामग्री का वितरण भी किया गया।
इस अवसर पर डॉ. पार्थ डे (ADHS एवं DFWO), मैडम DPHNO (DFW) तथा FPAI कोलकाता शाखा के प्रबंधक श्री सुप्रतीप मजूमदार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। सभी वक्ताओं ने अपने संबोधन में परिवार नियोजन को एक मानवाधिकार मानते हुए, इसके व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया।
इस कार्यक्रम में 80 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें विभिन्न स्कूलों के छात्र, युवा संगठन, स्वास्थ्य और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे। सभी ने जनसंख्या नियंत्रण को सामाजिक जिम्मेदारी मानते हुए इसे स्वास्थ्य और विकास से जोड़कर देखने की जरूरत पर सहमति जताई।
आयोजकों ने कहा कि परिवार नियोजन सिर्फ एक स्वास्थ्य सेवा नहीं, बल्कि सामाजिक प्रगति और व्यक्तिगत अधिकार का विषय है। इस कार्यक्रम के माध्यम से, उन्होंने एक स्वस्थ, जागरूक और जिम्मेदार समाज के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
