हाल ही में आयोजित ‘Queer Support Circle’ नामक एक अनूठी संवाद श्रृंखला ने विविध लैंगिक पहचान वाले व्यक्तियों की आवाज़ों, अनुभवों और संघर्षों को एक साझा मंच पर लाकर एक गहरी और भावनात्मक चर्चा की शुरुआत की। इस पहल की स्थापना नम्रता और सनी अरोड़ा ने की थी, और यह संवाद सत्र अनन्या रे (एसोसिएट एडिटर, फेमिनिज़्म इन इंडिया) के संचालन में हुआ, जिन्होंने पूरे सत्र को संतुलन और संवेदनशीलता के साथ मार्गदर्शित किया।
पैनल में शामिल विशेषज्ञों ने मन, शरीर और आत्मा के जटिल जुड़ाव को समझाया:
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डॉ. पायल वर्मा — प्रख्यात थैरेपिस्ट, प्राणिक हीलर और सेलिब्रिटी काउंसलर ने मानसिक, शारीरिक और ऊर्जा-स्तर की चिकित्सा के बीच गहरे संबंधों को रेखांकित किया।
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प्रियंका शाह — मशहूर सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट ने मानसिक स्वास्थ्य और पोषण के आपसी रिश्ते की चर्चा की, जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
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डॉ. तनुश्री घोष — लेखिका और समाज बदलावकर्ता, जिन्होंने हाल ही में Queer Chronicles नामक अपनी नई किताब लॉन्च की है, उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए समुदाय की सशक्त छवियां प्रस्तुत कीं।
इस संवाद का मूल भाव था — सिर्फ परिचय नहीं, बल्कि असली कहानियों की तह में जाकर उस पीड़ा को पहचानना जो समाज की अस्वीकृति ने वर्षों में गढ़ी है। हंसी, जो कमरे में गूंज रही थी, केवल मज़ाक नहीं थी — वह जिजीविषा की आवाज़ थी। एक सामूहिक स्वीकारोक्ति कि हर किसी की भूमिका—चाहे वे क्वियर हों, सिस महिला हों या सिस पुरुष—इस स्पेस को सुरक्षित और सहायक बनाने में अहम है।
कार्यक्रम के अंत में यह स्पष्ट हुआ कि यह सत्र केवल अनुभव साझा करने या चक्र संतुलन की बात नहीं थी। यह उन अनकहे दर्द को सामने लाने और एक बेहतर, संवेदनशील समाज के निर्माण की ओर सामूहिक कदम था।
“क्वियर सपोर्ट सर्कल” ने यह दिखाया कि सच्चा समर्थन सिर्फ संवाद में नहीं, बल्कि सुनने, समझने और साथ खड़े होने की ईमानदार कोशिश में निहित है।
