
सी.के. बिड़ला अस्पताल, सी.एम.आर.आई. (कोलकाता) ने विश्व अस्थमा दिवस के अवसर पर एक विशेष संवादात्मक सत्र का आयोजन किया। इस वर्ष का थीम था: “साँस के माध्यम से उपचार को सभी के लिए सुलभ बनाना”। कार्यक्रम का उद्देश्य अस्थमा के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना और इनहेलर के प्रयोग से जुड़े मिथकों को तोड़ना था।
सत्र की शुरुआत सी.एम.आर.आई. की पल्मोनोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. ब्यूटी बिस्वास की उपयोगी जानकारी से हुई। इसके बाद प्रसिद्ध पल्मोनोलॉजिस्ट और सी.एम.आर.आई. के पल्मोनोलॉजी विभाग के निदेशक एवं एच.ओ.डी. डॉ. राजा धर ने जागरूकता सत्र का संचालन किया। उन्होंने बताया कि अस्थमा भारत में एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती है, जिसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती।
डॉ. राजा धर ने कहा,
“अस्थमा की जटिलताओं के पीछे केवल पर्यावरणीय कारक ही नहीं हैं, बल्कि इनहेलर के प्रयोग को लेकर फैली भ्रांतियाँ और उपचार में देरी भी इसका बड़ा कारण हैं। हमें ‘पहले निदान, पहले उपचार’ के सिद्धांत को अपनाना होगा।”
इस अवसर पर एक प्रभावशाली लघु नाटक “कोड ब्रीथ: इन द मिडस्ट ऑफ़ द स्टॉर्म” भी प्रस्तुत किया गया, जिसने दर्शाया कि अस्थमा का अचानक दौरा कितना भयावह हो सकता है और इनहेलर का सही समय पर उपयोग कितना ज़रूरी है। इस प्रस्तुति ने चिकित्सा पेशेवरों और दर्शकों दोनों को गहराई से प्रभावित किया।
इसके बाद डॉ. अरूप हलधर, सलाहकार – पल्मोनोलॉजी, सी.एम.आर.आई., ने वायु प्रदूषण और श्वसन स्वास्थ्य पर बात करते हुए बताया कि शहरीकरण और गिरती वायु गुणवत्ता अस्थमा के मामलों में तेज़ वृद्धि कर रही है।
कार्यक्रम में डॉ. राजा धर की अध्यक्षता में एक पैनल चर्चा का आयोजन भी किया गया, जिसमें अस्थमा के बारे में प्रचलित गलत धारणाओं और इनहेलर के प्रति झिझक को दूर करने के उपायों पर चर्चा की गई। पैनल में डॉ. ए.जी. घोषाल, डॉ. मोनोतोष खानरा, डॉ. सोमनाथ कुंडू, डॉ. अरूप हलधर, डॉ. आर. श्याम कृष्णन, डॉ. ब्यूटी बिस्वास, डॉ. आदित्य सतपति और डॉ. अमृता भट्टाचार्य शामिल थे। सत्र के दौरान स्विचऑन फाउंडेशन जैसे पर्यावरण संरक्षण संगठनों के प्रयासों का भी उल्लेख किया गया।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और अतिथियों के साथ अनौपचारिक चर्चा के साथ हुआ। उपस्थित लोगों ने सी.एम.आर.आई. के इस प्रयास की सराहना की और भविष्य में इस प्रकार के और आयोजनों की अपेक्षा जताई।
सी.एम.आर.आई. के बारे में:
1969 में स्थापित, सी.के. बिड़ला अस्पताल – सी.एम.आर.आई. कोलकाता का एक प्रतिष्ठित NABH-मान्यता प्राप्त मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल है। 440 बिस्तरों और विश्वस्तरीय ICU सुविधाओं से सुसज्जित यह अस्पताल पूर्वी भारत में चिकित्सा उत्कृष्टता का प्रतीक है। सी.एम.आर.आई. शहर में रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट शुरू करने वाला पहला अस्पताल है और इसके पास QAI मान्यता प्राप्त एकमात्र स्ट्रोक सेंटर भी है। यह अस्पताल वयस्कों और बच्चों दोनों के लिए ट्रांसप्लांट सेवाएं प्रदान करता है और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार रेस्पिरेटरी इंटेंसिव केयर यूनिट का संचालन करता है।