प्रख्यात कवयित्री, गीतकार, वाचिका और समाजसेवी झरना भट्टाचार्य ने अपने पूर्व-जन्मदिन को एक विशेष और प्रेरणादायक रूप में मनाया। ‘सरस्वती भंडार’ की संस्थापक और लायंस क्लब ऑफ कोलकाता मैग्नेट्स की सांस्कृतिक राजदूत के रूप में, उन्होंने ‘Back to School’ परियोजना के अंतर्गत कोलकाता के उल्टाडांगा यूनाइटेड हाई स्कूल में एक प्रेरक कार्यक्रम का आयोजन किया। यह पहल प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और Hello Kolkata के संपादक-निदेशक आशीष बसाक की परिकल्पना है।
कार्यक्रम के दौरान झरना भट्टाचार्य ने स्कूल की लाइब्रेरी को गीता, कुरान, बाइबिल, त्रिपिटक जैसे विभिन्न धर्मों के पवित्र ग्रंथों की प्रतियां भेंट कीं। उन्होंने कहा, “यदि छात्र धार्मिक ग्रंथों का सही ढंग से अध्ययन करें, तो वे सद्गुणों को अपनाकर दुर्गुणों से दूर रह सकते हैं। यह सांप्रदायिक सौहार्द और नैतिक मूल्यों की ओर एक सकारात्मक कदम है।”
झरना जी ने इस अवसर पर स्कूल के लगभग 100 छात्रों, शिक्षकों और स्टाफ को चॉकलेट वितरित कर अपने जन्मदिन का उल्लास सभी के साथ साझा किया।
इस आयोजन में Hello Kolkata, रोटरी क्लब ऑफ कसबा और लायंस क्लब ऑफ कोलकाता मैग्नेट्स का सहयोग रहा। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के सम्मानित अतिथियों ने भाग लिया:
-
डॉ. सुरेश अग्रवाल, अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त आध्यात्मिक गुरु एवं रोटरी क्लब ऑफ कसबा के अध्यक्ष, ने गीता पर आधारित अपनी रचना छात्रों को भेंट की।
-
फिटनेस विशेषज्ञ मधुसत्ता चौधुरी और प्रेरक वक्ता निशांत ने छात्रों को कलमें वितरित कीं और गीता के अध्ययन के महत्व पर प्रकाश डाला।
-
समाजसेवी प्रकाश किल्ला, तथा सामाजिक कल्याण समर्थक सुबीर रॉयचौधुरी, बप्पा, सुनीत पाल, संदीप गुहा, राजेंद्र दुबे और शुभजीत दत्तगुप्ता (We Are The Common People के संस्थापक) ने छात्रों को मिठाइयां और उपहार बांटे।
कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण था, “सरस्वती वंदना सम्मान” का वितरण, जिसे झरना भट्टाचार्य, डॉ. सुरेश अग्रवाल और आशीष बसाक ने मिलकर उल्टाडांगा यूनाइटेड हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक तरुण चक्रवर्ती को प्रदान किया। यह सम्मान स्कूल द्वारा नैतिक शिक्षा और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए दिया गया।
इस अवसर पर कुछ छात्रों ने धार्मिक ग्रंथों के महत्व पर अपने विचार साझा किए, जिससे यह आयोजन और भी प्रभावशाली बन गया।
कार्यक्रम के अंत में, Back to School परियोजना के जनक आशीष बसाक ने सभी मेहमानों और स्कूल परिवार का आभार व्यक्त करते हुए कहा,
“इस पहल का उद्देश्य शांति, अनुशासन और भाईचारे को बढ़ावा देना है। हम अन्य स्कूलों में भी इस तरह की गतिविधियों का आयोजन कर छात्र-शिक्षक संबंध को और मजबूत करना चाहते हैं।”
झरना भट्टाचार्य, सरस्वती भंडार की संस्थापक, ने अपने इस प्रयास से यह सिद्ध कर दिया कि जन्मदिन केवल उत्सव नहीं, बल्कि समाज के लिए कुछ करने का अवसर भी हो सकता है। यह आयोजन एक ऐसा उदाहरण बन गया है, जिसमें शिक्षा, संस्कृति और सौहार्द का सुंदर संगम देखने को मिला।