
दक्षिण दमदम स्थित श्रीभूमि गौरांग मंदिर में 11 मई 2025 को भगवान नरसिंह देव की 54वीं वार्षिक पूजा का आयोजन श्रद्धा और भक्ति के साथ किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
मंदिर में स्थापित चतुर्मुखी भगवान विष्णु की मूर्ति का विशेष आकर्षण रहा। मूर्ति के सामने भगवान विष्णु, बाईं ओर नरसिंह देव, दाईं ओर वराह देव और पीछे वामन देव विराजमान हैं। यह चारों स्वरूप भगवान विष्णु के दिव्य रूप माने जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, महाभारत काल में भीष्मदेव को मृत्युशैया पर इस दिव्य दृश्य का ज्ञान भगवान विष्णु ने स्वयं दिया था।
इस पूजा का आरंभ मंदिर के वर्तमान अध्यक्ष प्रभुपाद गुरुराज किशोर गोस्वामी और प्रभुपाद प्राणकिशोर सारणी ने किया। वैष्णव परंपरा के आचार्य प्रभुपाद प्राणकिशोर गोस्वामी, जिनका जन्म 1972 में हिमाचल प्रदेश में हुआ था, इस धार्मिक परंपरा के प्रमुख संवाहक माने जाते हैं। गौरांग मंदिर में विराजित मूर्तियों की स्थापना प्रभुप्रद ब्रजराज किशोर गोस्वामी द्वारा चंबा, उत्तर प्रदेश और कोलकाता के श्रीभूमि गौरांग मंदिर में की गई थी।
इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के अग्निशमन सेवा मंत्री सुजीत बोस, मानिकतला की विधायक सुप्ति पांडे, और सीटी केबल के सीईओ टिंकारी दत्ता जैसे प्रमुख अतिथि भी उपस्थित रहे। पूजा के समापन के बाद करीब 1,000 श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों के आध्यात्मिक कल्याण और सामाजिक एकता को बढ़ावा देना रहा।