साहित्यिक विरासत का जश्न: डॉ. समीर शील को अनन्या अन्नदा शंकर रॉय उत्कृष्टता पुरस्कार मिला।

बंगाल की साहित्यिक भावना को अबनिंद्र सभाघर, नंदन में एक जीवंत उत्सव में देखा गया, जहाँ प्रख्यात कवि, लेखक और रवींद्र शोधकर्ता डॉ. समीर शील को ‘अनन्या अन्नदा शंकर रॉय उत्कृष्टता पुरस्कार’ प्रदान किया गया। यह कार्यक्रम बंगाली साहित्य में एक महान हस्ती और बंगाल पुनर्जागरण के अंतिम प्रतिनिधि अन्नदा शंकर रॉय की स्मृति को सम्मानित करने के लिए साहित्यिक, सांस्कृतिक और सामाजिक मंच (एलसीएसएफ) द्वारा आयोजित किया गया था।

लेखकों, कवियों, संगीतकारों और सांस्कृतिक उत्साही लोगों से भरे एक खचाखच भरे सभागार में, डॉ. शील को बंगाली साहित्य में उनके उत्कृष्ट योगदान और रवींद्रनाथ टैगोर की रचनाओं के साथ उनके गहन विद्वत्तापूर्ण जुड़ाव के लिए सम्मानित किया गया।

अपने मुख्य भाषण अन्नदा शंकर रॉय मेमोरियल व्याख्यान में, डॉ. शील ने रॉय के विशाल साहित्यिक कृतियों- उनके विचारोत्तेजक यात्रा वृत्तांत, स्मारकीय उपन्यास, व्यावहारिक लघु कथाएँ और गहन दार्शनिक कविता पर प्रकाश डाला। उन्होंने रवींद्रोत्तर बंगाली साहित्य और साहित्यिक चिंतन को आकार देने में रॉय की भूमिका पर जोर दिया।

शाम को एक निजी स्पर्श देते हुए, डॉ. शील ने अन्नदा शंकर रॉय को समर्पित अपनी स्वयं-रचित कविता सुनाई, जिसे दर्शकों ने गर्मजोशी से तालियाँ बजाकर सराहा। उनका संदेश गहराई से गूंज उठा: “हम सभी प्रकाश में रहें – अच्छाई में रहें, बंगाल में रहें, बंगाली में रहें और रवींद्रनाथ में रहें।”

इस अवसर पर दो महत्वपूर्ण पुस्तकों – ‘कबी जयदेव कथा’ और ‘मानुष नामेर नीरे’ का विमोचन भी किया गया, जिसने शाम को और भी साहित्यिक गहराई प्रदान की।

कार्यक्रम में डॉ. बिमल कुमार थांदर, रामकुमार मुखोपाध्याय, डॉ. अमलकांति रॉय, डॉ. विवेकानंद चक्रवर्ती और सुकुमार रुइदास सहित कई साहित्यिक और अकादमिक दिग्गजों की उपस्थिति थी। इस कार्यक्रम का आयोजन आचार्य दिनेश चंद्र सेन की परपोती देबकन्या सेन द्वारा विचारपूर्वक किया गया और बंगाल की बौद्धिक परंपरा से एक ऐतिहासिक जुड़ाव स्थापित किया गया।

एलसीएसएफ के अध्यक्ष आशीष बसाक ने हार्दिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन किया तथा साहित्यिक उत्कृष्टता और सांस्कृतिक संवाद को बढ़ावा देने के लिए फोरम की निरंतर प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

साहित्यिक विरासत का जश्न: डॉ. समीर शील को अनन्या अन्नदा शंकर रॉय उत्कृष्टता पुरस्कार मिला।

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