1432 आषाढ़ 12 के पावन अवसर पर हावड़ा के वार्ड क्रमांक 21 में रथ यात्रा उत्सव का भव्य आयोजन किया गया। इस आयोजन की अगुवाई तृणमूल बंगा जननी की लोकप्रिय नेता संतोषी संतालिया ने की। इस अवसर को सामाजिक सेवा से जोड़ते हुए, उन्होंने एक सराहनीय पहल की — वार्ड के एक हजार गरीब और असहाय लोगों के लिए किताबें, नोटबुक, कपड़े और भोजन की विशेष व्यवस्था की गई।
रथ यात्रा के दौरान आम लोगों के लिए पापड़ और जिलपी जैसे पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद भी उपलब्ध कराया गया, जिससे उत्सव का माहौल और भी जीवंत हो गया।
इस कार्यक्रम में वार्ड के स्थानीय लोगों के साथ-साथ कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे। इनमें तृणमूल अध्यक्ष स्वपन मोंडल महासोय, नेता गोराचंद पाखिरा, बबलू संतालिया, और हावड़ा बंट्रा क्लब के सचिव मृत्युंजय घोष प्रमुख रहे।
संतोषी संतालिया न केवल एक सक्रिय राजनीतिक नेता के रूप में, बल्कि एक संवेदनशील समाजसेवी के रूप में भी अपनी पहचान बना चुकी हैं। लोगों के सुख-दुख में शामिल होना और जरूरतमंदों की सहायता करना वह अपना सामाजिक कर्तव्य मानती हैं।
रथ यात्रा उत्सव के इस आयोजन ने न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत किया, बल्कि सामाजिक सेवा का एक प्रेरणादायक उदाहरण भी प्रस्तुत किया।
