उत्तर कोलकाता के बेनियाटोला लेन में इस वर्ष भी श्री श्री जगद्धात्री पूजा का भव्य आयोजन उत्साह और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। बेनियाटोला लेन श्री श्री जगद्धात्री पूजा कमेटी के तत्वावधान में आयोजित यह पूजा अपने 26वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है। परंपरा और सामाजिक सरोकार को साथ लेकर चलने वाली यह पूजा चार दिनों तक चली।
मंगलवार को विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में पूजा का शुभारंभ किया गया। बुधवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला ने माहौल को भक्तिमय और उत्साहपूर्ण बना दिया। गुरुवार को माता की विधिवत पूजा-अर्चना की गई।
पूजा कमेटी के संस्थापकों—दीपक बसाक, स्व. अरूप नाग, सूरजो मुखर्जी, देवाशीष सेन व अन्य सदस्यों—ने 25 वर्ष पहले इस पूजा की शुरुआत इलाके की मंगलकामना और घर-घर भोग पहुंचाने के उद्देश्य से की थी। उल्लेखनीय है कि यह परंपरा आज भी बरकरार है।
परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए कमेटी में युवा सदस्यों को भी शामिल किया गया है। इस वर्ष अध्यक्ष प्रकाश पांडे, संयुक्त सचिव देवायुध बसाक और शुभम चक्रवर्ती ने आयोजन की कमान संभाली। अध्यक्ष प्रकाश पांडे के अनुसार यह ‘चंदा-रहित पूजा’ है, जिसमें कमेटी के सदस्य अपनी श्रद्धा अनुसार योगदान देते हैं।
महिलाओं की सहभागिता भी इस पूजा की विशेषता है। संयुक्त सचिव देवायुध के अनुसार मातृ प्रतिमा के लिए भोग कमेटी की महिलाएं स्वयं तैयार करती हैं, और प्रतिवर्ष लगभग 3000 भोग पैकेट इलाके के प्रत्येक घर में वितरित किए जाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मूर्ति का चेहरा पिछले 25 वर्षों से अपरिवर्तित है और ऐसी मूर्ति किसी अन्य मंडप में देखने को नहीं मिलेगी।
इस वर्ष माता की प्रतिमा को 15 तोला सोने और 1 किलो चांदी के गहनों से भव्य रूप से सजाया गया। शुक्रवार को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिसके बाद गाजे-बाजे के साथ भव्य विसर्जन शोभायात्रा निकलेगी। विसर्जन के बाद कमेटी सदस्यों के बीच मेल-मिलाप के तहत प्रीति भोज का आयोजन किया जाएगा।
बेनियाटोला लेन की यह जगद्धात्री पूजा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक सौहार्द और सामुदायिक एकता का अद्भुत उदाहरण भी पेश करती है।

15 तोला सोना व 1 किलो चांदी से माता का अलंकरण
