एकता और राष्ट्रभावना के अद्वितीय उत्सव के रूप में, इस वर्ष के एकता दिवस समारोह के समापन पर ‘Eternal Sounds’ ने ऑस्कर दावेदार बिक्रम घोष और ग्रैमी पुरस्कार विजेता रिक्की केज के साथ मिलकर भव्य संगीतिक रचना “लोहमूर्ति नमस्तुभ्यं ” का सह-निर्माण किया। यह विशेष प्रस्तुति गुजरात के एकता नगर, केवड़िया में आयोजित राष्ट्रीय समारोह का मुख्य आकर्षण रही।
यह रचना लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती को समर्पित थी, जिसने उनके ‘एक भारत’ के सपने और एकता की विरासत को संगीत के माध्यम से जीवंत किया। गृह मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और संगीत नाट्य अकादेमी द्वारा आयोजित इस विशाल कार्यक्रम में देशभर से आए 800 से अधिक कलाकारों ने भाग लिया। कोरियोग्राफी संतोष नायर द्वारा और निर्देशन संगीत नाट्य अकादेमी की अध्यक्षा डॉ. संध्या पुरेचा ने किया।
कार्यक्रम में Eternal Sounds के साझेदार बिक्रम घोष और गौरांग Jalan विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। Eternal Sounds इस संगीतमय ट्रैक का को-प्रेज़ेंटर रहा और बड़े पैमाने पर हुए इस आयोजन के लिए उत्कृष्ट समन्वय और प्रोडक्शन सुनिश्चित किया। रचना में हरिहरन, शान, ऋचा शर्मा, महालक्ष्मी अय्यर, कविता सेठ सहित देश के कई विख्यात संगीतकारों और गायकों ने अपनी आवाज़ दी, जिसने पारंपरिक और आधुनिक संगीत का सुंदर संगम प्रस्तुत किया।
Eternal Sounds का स्वामित्व उत्सव परखे, मयंक Jalan, गौरांग Jalan और बिक्रम घोष के पास है।
अशोक चक्रधर और सुतापा बसु द्वारा लिखित गीतों ने इस रचना को और प्रभावशाली बनाया, जो केवल एक प्रस्तुति न होकर भारत की संस्कृति, कला और आत्मा का उत्सव बन गई।
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का नेतृत्व करते हुए सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी, तब यह संगीतिक कृति एक सशक्त स्मरण के रूप में उभरी—कि संगीत आज भी पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने की सबसे सुंदर शक्ति है।

